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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रज्ञा-चक्षु (स्)					 : | वि० [ब० स०] जिसके लिए उसकी बुद्धि ही आँखों का काम देती हो। पुं० १. ऐसा अन्धा व्यक्ति जो अपनी बुद्धि से ही सब बातें जान या समझ लेता हो। २. अन्धा व्यक्ति। (परिहास और व्यंग्य) ३. धृतराष्ट्र। ४. ज्ञानी पुरुष। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |